बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी अब Lawrence Bishnoi: गैंग ने ले ली है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अनुसार, इस गैंग के पास लगभग 700 शूटर मौजूद हैं। यह गैंग दाऊद इब्राहिम के नक्शे कदम पर चल रहा है, जो उसकी गतिविधियों को और भी चिंताजनक बनाता है।
Lawrence Bishnoi:
एनआईए ने इस मामले में कम से कम 16 गैंगस्टरों के खिलाफ यूएपीए (अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट) के तहत चार्जशीट फाइल की है। इसमें Lawrence Bishnoi: और गोल्डी बरार के नाम भी शामिल हैं।
इस चार्जशीट में दावा किया गया है कि Lawrence Bishnoi: गैंग दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह गैंग संगठित अपराध के एक खतरनाक नेटवर्क का हिस्सा बन रहा है।
देश के 11 राज्यों में लॉरेंस बिश्नोई का आतंक फैला हुआ है। उसकी गतिविधियों से साफ है कि वह विभिन्न क्षेत्रों में अपनी शक्ति बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। इसके अलावा, यह चिंताजनक है कि बिश्नोई के शूटरों का इस्तेमाल पाकिस्तान में भी किया जा रहा है।
यह जानकारी सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ा अलार्म है, क्योंकि इससे यह स्पष्ट होता है कि यह गैंग केवल भारत में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने पैर पसार रहा है। लॉरेंस बिश्नोई की यह रणनीति उसे और भी खतरनाक बना रही है, जिससे देश की सुरक्षा पर खतरा बढ़ता जा रहा है।
NIA चार्जशीट का दावा
एनआईए की चार्जशीट में बताया गया है कि लॉरेंस बिश्नोई और उसका गैंग तेजी से बढ़ रहा है। यह उसी तरह बढ़ रहा है जैसे 90 के दशक में दाऊद इब्राहिम का गैंग बढ़ा था।
दाऊद इब्राहिम ने अपना नेटवर्क शुरू में ड्रग्स तस्करी से बढ़ाया। इसके बाद, उसने पैसे उगाही का काम भी शुरू किया। इसी वजह से उसे “डी कंपनी” का नाम मिला। दाऊद का गैंग पाकिस्तान के आतंकियों के साथ भी जुड़ गया, जिससे उसकी ताकत बढ़ गई।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने भी पहले छोटे-मोटे अपराध किए। लेकिन अब यह गैंग काफी बड़ा हो गया है और इसके पास पहले से ज्यादा ताकत और संसाधन हैं। यह बढ़ती ताकत न केवल भारत में, बल्कि अन्य देशों में भी चिंता का विषय है। बिश्नोई का गैंग अब संगठित अपराध की दुनिया में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहा है, जो सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती है।
700 शूटरों का खतरनाक नेटवर्क
एनआईए की चार्जशीट में यह बताया गया है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नेतृत्व सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बरार कर रहा है। गोल्डी बरार कनाडा पुलिस और भारतीय एजेंसियों की वॉन्टेड लिस्ट में शामिल है, जिससे उसकी गंभीर आपराधिक गतिविधियों का पता चलता है।
इस गैंग में लगभग 700 शूटर शामिल हैं, जिनमें से 300 पंजाब के हैं। यह संख्या यह दर्शाती है कि बिश्नोई गैंग का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है और यह विभिन्न राज्यों में अपनी पकड़ बना रहा है।
गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई की तस्वीरें अक्सर फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा की जाती हैं। इन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करके, यह गैंग युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है।
बिश्नोई को कोर्ट ले जाने की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की जाती हैं, जिससे युवाओं के बीच एक गलत संदेश फैलता है कि गैंग की जिंदगी रोमांचक है। इसके जरिए उन्हें गैंग में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाता है।
यह एक खतरनाक रणनीति है, क्योंकि इससे नई पीढ़ी को अपराध की ओर मोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार की गतिविधियाँ अब देश की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं।